आप देख रहे हैं कांग्रेस से जुड़ी सबसे नई खबरें, सीधे हमारे पेज पर। चाहे वह संसद में बयानों की बात हो या राज्य स्तर की रणनीति, यहाँ आपको सब कुछ सरल भाषा में मिल जाएगा। इस लेख को पढ़ते‑पढ़ते आप राजनीति के बड़े‑छोटे मोड़ समझेंगे और अपने विचार बना पाएँगे।
पिछले हफ़्ते कांग्रेस ने केंद्र सरकार की कई नीतियों पर तीखा विरोध किया। संसद में दो घंटे तक सवाल जवाब सत्र चलाया, जहाँ मुख्य मुद्दा कृषि सुधार था। कई नेता ग्रामीण इलाकों से आवाज़ लेकर आए और कहा कि छोटे किसान को अभी भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस कदम से किसानों का समर्थन फिर से बढ़ गया।
राज्य स्तर पर, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने नई युवा समिति बनायीं। इसका काम पार्टी की नीतियों को युवाओं तक पहुंचाना और सोशल मीडिया पर सक्रिय होना है। कई युवा नेता अब अपने इलाके की समस्याएँ सीधे राष्ट्रीय मंच पर लाते हैं, जिससे पार्टी का बेस भी मजबूत हो रहा है।
अगले साल के लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं, और कांग्रेस पहले से ही रणनीति बना रही है। कई बड़े नेता अपने क्षेत्रों में व्यक्तिगत रैलियां देने लगे हैं, जिससे जनता के साथ सीधे संपर्क बनता है। इस बार पार्टी ने गठबंधन को भी मजबूत करने की कोशिश कर रही है, खासकर छोटे राज्यों में स्थानीय पार्टियों के साथ समझौते करने पर फोकस किया जा रहा है।
एक और महत्वपूर्ण पहल चुनावी उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है। कांग्रेस ने एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म शुरू किया जहाँ पार्टी सदस्यों को अपने पसंदीदा उम्मीदवार का वोट देने का अवसर मिलता है। इससे आम लोग निर्णय प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं, जो पहले नहीं हुआ करता था।
इन सभी गतिविधियों के पीछे कांग्रेस की यही कोशिश है कि वह जनता के दिलों में भरोसा फिर से बनाये। चाहे वह आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाना हो या सामाजिक मुद्दों को उजागर करना—कांग्रेस हर कदम पर स्पष्ट संदेश देती है। आप भी इन बदलावों को अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर कर सकते हैं, ताकि सबको सही जानकारी मिले।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बिना नाम लिए 'बालक बुद्धि' कहते हुए उनकी आलोचना की। मोदी ने राहुल गांधी के व्यवहार को नाटकीय बताते हुए उसे सहानुभूति प्राप्त करने का नाटक कहा और उन पर दो कहानियों के जरिए तंज किया। पहली कहानी में एक बच्चे का सहानुभूति पाने के लिए बिना अपने गलतियों को छुपाने का प्रसंग था।
राहुल गांधी ने अपने संसद भाषण में 'अभय मुद्रा' का जिक्र किया। यह एक खोलती हुई हथेली की मुद्रा है जो सभी धर्मों में समान रूप से पाई जाती है। गांधी ने इसे कांग्रेस के हाथ के प्रतीक के साथ जोड़ा और इसे डर का सामना करने और न डरने का प्रतीक बताया। 'अभय मुद्रा' को विशेष रूप से बौद्ध धर्म और दक्षिण एशियाई धर्मों में भयहीनता और शांति का प्रतीक माना जाता है।