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मोदक – भारत की प्रिय मिठाई का परिचय

जब हम मोदक, एक गोल आकार की मीठी डिश है, जो आटे या चावल के आटे से बनाकर नारियल, गुड़ या खोया जैसी भरावन से भरती है और फिर भाप में पकाई या तलती है. इस मिठाई को अक्सर गणेश मोदक भी कहा जाता है, यह भारतीय त्योहारी रिवाजों में खास जगह रखती है.

यहाँ मोदक को केवल एक स्वादिष्ट व्यंजन के रूप में नहीं, बल्कि सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में देखना ज़रूरी है। गणेश चतुर्थी, हिंदू कैलेंडर का वह दिन है जब भगवान गणेश की पूजा और मोदक अर्पण की परम्परा होती है के साथ मोदक का सीधा संबंध है। इसी कारण मोदक को अक्सर भोग में पहला चारा माना जाता है, जिससे यह त्योहारी परम्पराओं की अभिन्न धारा बन गया। दूसरे शब्दों में, मोदक आध्यात्मिक परम्पराओं से जुड़ा है।

मुख्य सामग्री और विविध प्रकार

मोदक की बुनियादी सामग्री में नारियल, कटे हुए या कद्दूकस किए हुए ताज़ा नारियल का उपयोग भरावन में प्रमुखता से किया जाता है और गुड़ या खेजूर का शर्करा स्रोत शामिल है। कुछ क्षेत्रों में चावल के आटे से बनाकर उसे तले या भाप में पकाया जाता है, जबकि कुछ जगहों पर गेहूँ के आटे का प्रयोग अधिक होता है। इसलिए, विभिन्न क्षेत्रों में मोदक की विविधताएँ होती हैं, जैसे कि महाराष्ट्र का उफ़ा मोदक, कोलकाता का रसम अलू मोदक और दक्षिण भारत का नारियल मोदक। इन विविधताओं को समझना इस मिठाई के व्यापक स्वरूप को दिखाता है, जिसमें आहार के हिसाब से आकार, आकार और स्वाद में हल्के‑फुल्के बदलाव देखे जाते हैं।

रिवाज के अनुसार, मोदक के लिए थाल, भोजन या प्रसाद रखने के लिये तैयार किया गया समतल बर्तन या प्लेट का चयन भी महत्वपूर्ण माना जाता है। थाल में मोदक को सजाते समय अक्सर तुलसी के पत्ते, काजू और पिस्ता जैसी सजावटी सामग्री डालते हैं, जिससे न केवल दिखावट में आकर्षण बढ़ता है, बल्कि प्रसाद की शुद्धता भी दर्शाती है। इस तरह थाल और मोदक का संबंध एक दूसरे को पूरा करता है, जो इस मिठाई को आध्यात्मिक एवं सामाजिक दोनों पहलुओं से सुसज्जित करता है।

इन सभी तथ्य‑सूत्रों को जोड़ते हुए हम पाते हैं कि मोदक भारतीय मिठाई का एक झलक है, जो सामग्री, परम्परा और त्योहारी माहौल को एक साथ बुनता है। मोदक का इतिहास, विविध प्रकार, और त्योहारी महत्व सभी मिलकर इसे केवल खाने के लिए नहीं, बल्कि संस्कृति के एक हिस्से के रूप में स्थापित करते हैं। अगली सूची में आप विभिन्न लेख पढ़ेंगे, जहाँ हम मोदक की रेसिपी, क्षेत्रीय विविधताएँ, और विशेष अवसरों पर इसका उपयोग विस्तृत रूप से देखते हैं। इन लेखों को पढ़कर आप अपनी घर की रसोई में या त्योहारी समारोह में मोदक को और भी खास बना पाएँगे।

गणेश चतुर्थी 2025: मोदक के 21 रहस्य और उनका आध्यात्मिक अर्थ
  • अक्तू॰ 11, 2025
  • Partha Dowara
  • 3 टिप्पणि
गणेश चतुर्थी 2025: मोदक के 21 रहस्य और उनका आध्यात्मिक अर्थ

गणेश चतुर्थी 2025 में 27 अगस्त को मोदक के 21 प्रकारों की पूजा का आध्यात्मिक महत्व, प्रमुख मंदिरों की झलक और मुंबई में विसर्जन की बड़ी भीड़ को जानें।

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