पिछले हफ्तों में शेयर मार्केट ने अचानक तेज़ी से नीचे की ओर रुख किया। BSE और CDSL के शेयर भी लगभग 10% तक गिर गए, जिससे कई खुदरा निवेशकों को झटका लगा। इस लेख में हम समझेंगे कि यह गिरावट क्यों हुई, इसका असर कहाँ‑जहाँ दिख रहा है, और आप अपने पैसे को बचाने के लिए कौन‑सी आसान रणनीति अपना सकते हैं।
पहला बड़ा कारण SEBI की नई डेरिवेटिव्स नियमावली का प्रस्ताव है। इस योजना में शॉर्ट सेलिंग पर कड़ा नियंत्रण और मार्जिन बढ़ाने की बात कही गई, जिससे ट्रेडर्स को तुरंत नुकसान हुआ। दूसरा कारण ग्लोबल मार्किट में टेढ़ा‑मेढ़ा माहौल है; यूएस फेड के ब्याज दर बढ़ने का डर, यूरोप में ऊर्जा कीमतों का उछाल—all इन सब ने भारतीय शेयरों पर दबाव डाला। तीसरा, कुछ बड़ी कंपनियों के शेयर मूल्य में अचानक गिरावट (जैसे तेल आयात‑संबंधी खबरें) ने निवेशकों को बेच कर निकालने की स्थिति पैदा कर दी। ये तीन मुख्य कारण मिलकर बाजार को नीचे धकेल रहे हैं।
पहला उपाय है पोर्टफ़ोलियो का विविधीकरण। अगर आपका पैसा केवल कुछ ही स्टॉक्स या सेक्टरों में लगा हो, तो गिरावट आपके पूरे निवेश को मार देगी। अलग‑अलग उद्योग (जैसे फार्मा, आईटी, उपभोक्ता सामान) में थोड़ा‑थोड़ा निवेश करके जोखिम कम किया जा सकता है। दूसरा, लॉस कट सेट करें। यानी जब कोई स्टॉक तय स्तर से नीचे जाए तो स्वचालित रूप से बेच दें; इससे बड़ी हानि को रोक सकते हैं। तीसरा, लंबी अवधि की सोच रखें। शेयर बाजार का छोटा‑छोटा उतार‑चढ़ाव अक्सर रोज़मर्रा के मूड पर आधारित होते हैं, लेकिन 5‑10 साल के हिसाब से देखे तो कई बार फिर से ऊपर आते हैं। इसलिए अगर आपके पास समय है तो हड़बड़ी में नहीं, बल्कि धीरज रखें।
एक और आसान टिप है नियमित रूप से समाचार पढ़ना, खासकर SEBI की नई नीतियों या बड़े आर्थिक संकेतकों के बारे में। जब आप पहले से जानते हों कि क्या बदल रहा है, तो सही समय पर निर्णय ले पाते हैं। साथ ही, भरोसेमंद ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करें जो रीयल‑टाइम अलर्ट और रिस्क मैनेजमेंट टूल्स देता हो।
अंत में याद रखें—गिरावट एक मौका भी बन सकती है। जब कई स्टॉक्स कम कीमत पर आएँ, तो आप उन कंपनियों में निवेश कर सकते हैं जिनके बुनियादी कारण मजबूत हों लेकिन अस्थायी रूप से दबाव में हों। इससे दीर्घकालिक रिटर्न की संभावना बढ़ती है। बस यह जरूरी है कि आप अपना रिसर्च करें और भावनाओं के आधार पर नहीं, बल्कि डेटा और लॉजिक से चलें।
संक्षेप में, शेयर बाजार गिरावट का कारण नीति बदलाव, वैश्विक माहौल और कुछ कंपनियों की ख़ास खबरें हैं। जोखिम कम करने के लिए विविधीकरण, लॉस कट सेट करना और दीर्घकालिक सोच अपनाएँ। नियमित समाचार पढ़ें और भरोसेमंद टूल्स इस्तेमाल करें—तब आप इस गिरावट को अपने लाभ में बदल सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट की घोषणा ने भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट लाई। S&P BSE सेंसेक्स 80,000 से नीचे गिर गया, जबकि NSE निफ्टी भी गिरी। पूँजीगत लाभ करों में वृद्धि इस गिरावट का प्रमुख कारण बना। इससे निवेशक असमंजस में हैं और मुख्य रूप से एलारसेंट एंड टुब्रो और अन्य पीएसयू शेयरों पर प्रभाव पड़ा।