हर दिन अदालतों से नई खबर आती है, लेकिन सबसे ज़्यादा ध्यान सुप्रीम कोर्ट को ही मिलता है। इस टैग पेज में हम उन फ़ैसे को सरल शब्दों में बताते हैं जो आपके काम‑काज और ख़र्चे पर असर डाल सकते हैं। आप यहाँ पढ़ेंगे कि हालिया निर्णय क्यों महत्वपूर्ण हैं और उनका क्या मतलब है।
पिछले हफ़्ते सुप्रीम कोर्ट ने SEBI के नए डेरिवेटिव्स नियमों को लेकर कई सवालों का जवाब दिया। इस फैसले से शेयर‑बाजार में छोटे निवेशकों पर दबाव कम हो सकता है, जबकि बड़े फर्मों को नई रिपोर्टिंग ज़रूरतें पूरी करनी पड़ेंगी। इसी तरह बजट 2025‑26 के बारे में कोर्ट ने कुछ बिंदुओं की समीक्षा की – कर सुधारों की वैधता और कृषि सेक्टर में सहायता के तरीके पूछे गए।
एक और उल्लेखनीय केस था "धनश्री वरमा बनाम युजवेंद्र चहल" जहाँ कोर्ट ने ग़ैर‑कानूनी दावों को खारिज कर दिया और परिवारिक विवाद हल करने की प्रक्रिया समझाई। इस निर्णय से भविष्य में तलाक या संपत्ति के मामले में न्याय पाने वाले लोग एक साफ दिशा पा सकते हैं।
जब कोर्ट कोई नया नियम तय करता है, तो वह तुरंत आपके बैंक खाते, कर रिटर्न या नौकरी के अनुबंध में दिख सकता है। उदाहरण के तौर पर SEBI का नया नियम ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों को रीयल‑टाइम डेटा शेयर करने को कहता है – इसका मतलब है कि आप अपने पोर्टफ़ोलियो की सटीक कीमत देख पाएँगे, बिना देर किए।
बजट से जुड़े फैसले अक्सर सरकारी योजनाओं में बदलाव लाते हैं। अगर कोर्ट ने कृषि सब्सिडी के नियमों को बदला, तो किसान को सीधे लाभ मिल सकता है या नई दस्तावेज़ी प्रक्रिया अपनानी पड़ सकती है। इसलिए हर फ़ैसले की खबर पढ़ना जरूरी है, खासकर जब वह आपके काम‑काज से जुड़ा हो।
फैसे सिर्फ बड़े संस्थानों तक सीमित नहीं रहते; व्यक्तिगत अधिकारों पर भी असर डालते हैं। "धनश्री वरमा" केस ने दिखाया कि कोर्ट परिवारिक विवाद में न्याय पाने के लिए काउंसलिंग को प्राथमिकता देता है, जिससे कई लोग अदालत की बजाय मिल‑जुल कर समाधान चुन सकते हैं।
यदि आप किसी निर्णय का पूरा मज़ा लेना चाहते हैं तो पढ़ें – कौन से पैराग्राफ आपके अधिकारों या दायित्वों को बदलते हैं। अक्सर पाँच‑छह पन्ने की पूरी फ़ैसले में केवल दो‑तीन लाइनें ही आपके लिए मायने रखती हैं, बाकी सामान्य जानकारी होती है।
यह टैग पेज आपको हर नए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सारांश देता है, ताकि आप बिना कानूनी जार्गन के समझ सकें कि क्या बदल रहा है। जब भी कोई बड़ा फैसला आए, हम इसे यहाँ अपडेट करेंगे और उसका असर आपके रोज़मर्रा में कैसे पड़ता है, बतायेंगे।
आगे पढ़ते रहें, सवाल पूछते रहें और अपने अधिकारों को जानने की कोशिश करें। सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसे आपका भविष्य तय कर सकते हैं – बस सही जानकारी से ही आप उनका फायदा उठा पाएँगे।
सुप्रीम कोर्ट ने NEET-PG 2025 को एक ही शिफ्ट में कराने का आदेश दिया है, जिससे सभी छात्रों को एक जैसा मौका मिल सकेगा। कोर्ट ने पारदर्शिता के लिए कच्चे अंक, आंसर की और नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला जारी करने का भी निर्देश दिया। परीक्षा 15 जून 2025 को ही होगी। यह फैसला मेडिकल शिक्षा में समानता की दिशा में अहम माना जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा परिणाम रद्द करने की याचिका पर केंद्र और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी किया है। याचिका में पेपर लीक के आरोप लगे हैं और कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है। अदालत ने इसके उत्तर मांगे हैं।